Nanak Piao Gurudwara History In Hindi | गुरुद्वारा नानक प्याऊ – इतिहास, महत्व और जानकारी

Nanak Piao Gurudwara History In Hindi | गुरुद्वारा नानक प्याऊ – इतिहास, महत्व और जानकारी

गुरुद्वारा नानक प्याऊ – इतिहास, महत्व और जानकारी | Nanak Piao Gurudwara History In Hindi

स्थान: गुरुद्वारा नानक प्याऊ (Nanak Piao Gurudwara) भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। यह स्थान सिखों के पहले गुरु, श्री गुरु नानक देव जी की सेवा भावना और शिक्षाओं का प्रतीक है।

📜 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

गुरु नानक देव जी ने 1505 ईस्वी में अपनी चौथी यात्रा के दौरान इस स्थान पर विश्राम किया और एक प्याऊ (जल सेवा केंद्र) की स्थापना की। यहां से उन्होंने लोगों को शुद्ध जल, भोजन और आध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया।

⚖️ बंदी बनाए जाने की घटना

गुरु जी को उनके उपदेशों के कारण शासक सिकंदर लोदी ने बंदी बना लिया। जेल में भी उन्होंने कैदियों को आध्यात्मिक ज्ञान दिया। बाद में उन्हें सम्मानपूर्वक रिहा किया गया।

🛕 वर्तमान स्वरूप

  • प्राचीन ऐतिहासिक कुआँ
  • रोजाना लंगर सेवा
  • कीर्तन दरबार
  • प्याऊ सेवा (जल सेवा)

🙏 आध्यात्मिक संदेश

यह स्थल गुरु नानक देव जी के तीन मूल सिद्धांतों को सिखाता है:

  1. नाम जपो (Meditate on God)
  2. किरत करो (Earn honestly)
  3. वंड छको (Share with others)

❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. गुरुद्वारा नानक प्याऊ कहाँ स्थित है?

यह दिल्ली के सब्ज़ी मंडी इलाके के पास, GT रोड पर स्थित है।

2. इसे “नानक प्याऊ” क्यों कहा जाता है?

गुरु जी ने यहां राहगीरों को जल सेवा (प्याऊ) दी थी, इसलिए इसका नाम नानक प्याऊ पड़ा।

3. क्या यहां लंगर और कीर्तन रोज होता है?

जी हाँ, यहाँ रोजाना लंगर और कीर्तन का आयोजन होता है।

🔚 निष्कर्ष

गुरुद्वारा नानक प्याऊ एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल है जहाँ गुरु नानक देव जी की सेवा भावना आज भी जीवित है। यदि आप दिल्ली में हैं, तो यहाँ जरूर जाएँ।

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